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शुक्रवार, 2 जून 2023

 डायबिटीज की बीमारी भारत में दुनिया भर में बहुत तेजी से फैल रही है इसका जो सबसे बड़ा कारण है हमारी दिनचर्या है हमारा खान-पान है यह बीमारी एक ऐसी बीमारी हो गई है कि हर दूसरे और तीसरे इंसान को है इससे बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं जिससे कि आप शुगर को घर पर ही कंट्रोल कर सकते हैं नीचे दिए गए 5 उपाय अपनाकर आप शगर कंट्रोल कर सकते हैं


1- खानपान

खानपान का हमारे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है खानपान से ही हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और खानपान से ही हमारा शरीर बीमार होता है इसलिए अपने खान-पान को अगर हम सही तरीके से करते हैं तो हम बहुत सी बीमारियों से बचे रहते हैं शुगर से बचने के लिए आपको शुगर से बनी हुई चीजें नहीं खानी है आपको चावल नहीं खाने हैं आपको आलू का कंपनीज करना है आपको फास्ट फूड चाऊमीन मोमोज नहीं खाने हैं और आपको हरी सब्जियां फ्रॉड खाने हैं अगर आप खाने में आप अपना सही से खाना खाएंगे तो आपका शुगर बिल्कुल ठीक रहेगा

2- व्यायाम व योगा

अगर आप रोजाना पैदल पास 6000 कदम चलते हैं या दौड़ लगाते हैं या इसके अलाव फिजिकल एक्टिविटी करते हैं यह भी शुगर को कम करने के लिए बहुत ही अच्छा उपाय है इसके साथ-साथ आप योगा कर सकते हैं योगा मैं आप सॉरी नमस्कार अनुलोम विलोम व प्राण आय प्राणायाम कर सकते हैं आयुर्वेद में शुगर कम करने के लिए दिनभर में कम से कम पास 6000 कदम चलना चाहिए ऐसा कहा गया है

3- अजवाइन का प्रयोग

अजवाइन डायबिटीज को कम करने के लिए बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक ओषधि है आपको क्या करना है अजवाइन की एक चम्मच को आपको एक कप पानी में रात भर विदा कर रख लेना है और सुबह उठते ही खाली से आपको उषा ज्वाइन का सेवन करना है और उस पानी को पी लेना है यह शुगर को कंट्रोल करने में काफी सहायक के ऐसा आप खुश तीनों तक करेंगे तो आपका शुगर बिल्कुल ठीक हो जाएगा

4- करेला है टमाटर का जूस

आपको एक टमाटर लेना है एक करेला लेना है और एक खीरा लेना है इन तीनों को आपको एक ग्राइंडर में जूस निकाल लेना है और इस जोश को आपको रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करना है इसके सेवन करने से आपका शुगर काफी हद तक कंट्रोल हो जाएगा और आप स्वस्थ हो जाएंगे

5- आयुर्वेदिक दवाइयां

आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी दवाइयां हैं अगर आप उनका सात आयुर्वेदिक डॉक्टर के फ्रॉम अस से करेंगे तो आपको शुगर को कंट्रोल करने में काफी काहे था मिलेगी

मंगलवार, 27 सितंबर 2022

 आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हार्ट अटैक की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है इसका शिकार नौजवान वह कम उम्र के लोग भी हो रहे हैं इसका कारण क्या है आज हम इस बारे में आपको बताएंगे इससे पहले की आपको यह जानकारी सही लगे तो इसे शेयर भी कीजिए क्योंकि इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपक हार्ट अटैक से बचने के उपाय बताऊंगा। 

हार्ट अटैक होने के पांच कारण

1- physical activity का ना करना

2- फास्ट फूड का अधिक सेवन

3- शराब का सेवन, धूम्रपान करना

4- रिफाइंड ऑयल व सफेद नमक का सेवन

5- स्टेरॉयड का लंबे समय तक सेवन


1- व्यायाम न करना

हार्ट अटैक का जो सबसे बड़ा कारण है उनमें से एक है हमारा फिजिकल एक्टिविटी का ना होना इसकी वजह से हमारे शरीर में खून का प्रेशर कम हो जाता है और हमारे हर्ट पर बहुत ज्यादा जोर पड़ने लगता है जिसकी वजह से हमें हर्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। Heart attack से बचने के लिए रोज 30 मिनट का व्यायाम जरूर करे। 

2- फास्ट फूड का सेवन

बर्गर पिज्जा मोमोज वेज चाउमीन का सेवन आजकल युवा बहुत अधिक मात्रा में कर रहे हैं जिसकी वजह से कम उम्र में ही हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि फास्ट फूड के अंदर जो मेरे से बना होता है वह उसके अंदर ट्रांसपेरेंट फूड होता है जो हमारे क्वालिट्रोल को बढ़ाता है और यह हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण होता है अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो आज से ही फास्ट फूड का सेवन बंद करें और अपने आप को हर्ट अटैक होने से बचाएं

3- शराब व स्मोकिंग

जो बहुत अधिक मात्रा में सिगरेट का सेवन करते हैं उनके खून में रक्त गाढ़ा हो जाता है जिसकी वजह से वह हमारी खून की नदियों में सही से प्रवाह नहीं कर पाता और इसकी वजह से हमारे दिल पर बहुत प्रभाव पड़ता है जिससे कि दिल को अपनी क्षमता से अधिक कार्य करना पड़ता है इससे हमारा हाई ब्ल प्रेशर हो जाता हैं जो heart  attack का सबसे बड़ा कारण बनता है। 

4- रिफाइंड ऑयल व सफेद नमक का सेवन

रिफाइंड ऑयल के सात से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है जिससे कि खून गाढ़ा हो जाता है और वह हमारी खून की नदियों में सही से बहन ही पाता जिसकी वजह से हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है इसी के साथ साथ सफेद नमक के सेवन से हमारे जो ब्लड प्रेशर है वह हाई हो जाता है ब्लड प्रेशर के हाई होने से हमारी दिल की मसल्स पर बहुत ज्यादा जोर पड़ता है जिसकी वजह से हर्ट अटैक आ जाता है इससे हमारे दिल की जो चलता है वह भी कमजोर होती है। 

5- स्टेरॉयड का सेवन

बहुत से जिम करने वाले लड़के अपनी बॉडी बनाने के चक्कर में स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं यह एस्टेरोइड हमारे शरीर की अन्य बीमारियों के साथ साथ हमारे दिल को भी कमजोर करता है और हमारे शरीर में हाई बीपी को बढ़ाता है जो कि आगे चलकर हर्ट अटैक का कारण बनता है कभी-कभी किसी बीमारी में लंबे समय तक की स्टूडेंट खाने से यह बिना डॉक्टर की सलाह के एस्ट्रॉयड का सेवन करने से भी हर्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है इनसे बच इससे बचने के लिए आप डॉक्टर की सलाह में ही दवाई का सेवन करें अन्यथा आप बीमार पड़ सकते हैं आपको यह पोस्ट कैसी लगी मुझे कमेंट करके बताएं और इसे अधिक से अधिक शेयर कीजिए धन्यवाद

मंगलवार, 2 नवंबर 2021

° धनतेरस क्यों मनाया जाते हैं आइए जानते हैं






धनतेरस का त्यौहार दीपावली से 2 दिन पहले मनाया जाता है इस त्यौहार में हम नया सामान खरीदना सोना खरीदना या कोई भी नई वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है इसके पीछे का कारण क्या है समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र मंथन हो रहा था उस टाइम भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए और भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी अभी प्रकट हुई तभी से यह प्रथा है कि हम कोई भी  बर्तन सोना चांदी या कोई नया सामान खरीदें और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें यह दिन शुभ माना जाता है इस दिन घर में लक्ष्मी वास करती है इस दिन लक्ष्मी की भी पूजा होती है भगवान भगवान धन्वंतरी के एक हाथ में अमृत कलश और एक हाथ में मधु कलश होता है। 


भगवान धन्वंतरी कौन थे? 


भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद का पिता भी कहा जाता है और यह एक चिकित्सक थे इन्होंने ज्ञान दक्ष प्रजापति द्वारा इनके पास आयुर्वेद का ज्ञान पहुंचा और उन्होंने उस ज्ञान को महर्षि सुश्रुत को दिया जिन्होंने उस ज्ञान को सुश्रुत संहिता के रूप में इस पूरी दुनिया में फैलाया और लोगों की बीमारियों को ठीक करने के लिए काम किया सुश्रुत दुनिया के पहले सर्जन थे जिन्होंने पहली सर्जरी की और उनके गुरु भगवान धन्वंतरि थे भगवान धन्वंतरी को आयुर्वेद का पिता भी कहा जाता है आयुर्वेद का ज्ञान इस सृष्टि में सर्वप्रथम ब्रह्मा को था उसके बाद ब्रह्मा जी ने यह ज्ञान दक्ष प्रजापति और अश्वनी कुमार ओकोदिया जिन्होंन इस ज्ञान को संपूर्ण दुनिया में फैलाया इसीलिए आयुर्वेद को अनादि कहां है का कोई अंत नहीं है





गुरुवार, 26 मार्च 2020

कोरोना का कहर पूरी दुनिया में हो चुका है।

कोरोना है क्या?

यह एक वायरस है, जो पिछले दिनों चीन के वुहान शहर में देखने को मिला यह एक संक्रमित करने वाला वायरस हैं।चीन में इसने बहुत बड़ी संख्या में लोगो की जान ली और अब यह धीरे धीरे पूरी दुनिया मे अपने पैर जमा चुका हैं।
इसे covid19 नाम दिया गया है।अभी तक इसके उत्तपन्न होने का कारन नही पता चला है कुछ वैज्ञानिक का मानना है यह सांप या चमगादड़ से इंसान मैं फैला है।
पर अभी तक इसकी सटीक जानकारी प्राप्त नही हो पायी है 

इसके लक्षण क्या है----

1- सूखी खांसी
2-जुकाम
3-बुखार
4-सांस लेने में कठिनाई
5-किन्ही मामलो में नियुमोनिया के लक्षण

यह बुजुगों और बच्चों में जल्दी से प्रभावित करता है।
जिनको ह्रदय रोग
शुगर रोग 
अस्थमा रोग होता है उन्हें यह औरो की अपेक्षा जल्दी प्रभावित करता है।
इसकी म्रत्यु दर 3% है।

आयुर्वेद के इन उपाय से करे ख़ुद को मजबूत।

1-तुलसी के 4 से 5 पत्तों को अच्छे से धुले ओर उन्हें रोजाना चबायें।
2-गिलोय और काली मिर्च आजवाइन का काढ़ा बनाकर सुबह शाम आधा कप पिये।
3-हल्दी की चाय दिन में 2 से 3 बार सेवन करें।
4-नियमित व्यायाम करें।
5-प्राणायाम और अनुलोम विलोम योग प्रतिदिन करे।जिनको श्वसन रोग ह्रदय रोग से सम्बंधित रोग है वह डॉक्टर के देखरेख में ये सब कार्य करें।

धन्यवाद।

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

Giloy के 6 इंच के तने को लेकर कुचल ले उसमे 4 -5 पत्तियां तुलसी की मिला ले इसको एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर इसका काढा बनाकर पीजिये। और इस काढ़े में तीन चम्मच एलोवेरा का गूदा मिला कर नियमित रूप से सेवन करते रहने से जिन्दगी भर कोई भी बीमारी नहीं आती। और इसमें पपीता के 3-4 ताज़ा पत्तो का रस मिला कर दिन में तीन चार बार (हर तीन चार घंटे के बाद) लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है प्लेटलेट बढ़ाने का इस से बढ़िया कोई इलाज नहीं है यह चिकन गुनियां डेंगू स्वायन फ्लू और बर्ड फ्लू में रामबाण होता है।
गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।
क्षय (टी .बी .) रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।
दस्त पेचिश और आंव में इस की ताज़ा डंडी को थोड़ा कूट कर इसको थोड़े से पानी के साथ पिए। आपको बहुत आराम आएगा।
एक चम्मच गिलोय का चूर्ण खाण्ड या गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।
प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी में मिलाकर या शहद गुड़ या मिश्री के साथ गिलोय का रस मिलकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
हिचकी आने पर गिलोय के काढ़े में मिश्री मिला कर देने से हिचकी सही होती हैं।
फटी त्वचा के लिए गिलोय का तेल दूध में मिलाकर गर्म करके ठंडा करें। इस तेल को फटी त्वचा पर लगाए वातरक्त दोष दूर होकर त्वचा कोमल और साफ होती है।
इसका नियमित प्रयोग सभी प्रकार के बुखार, फ्लू, पेट कृमि, खून की कमी, निम्न रक्तचाप, दिल की कमजोरी, टीबी, मूत्र रोग, एलर्जी, पेट के रोग, मधुमेह, चर्म रोग आदि अनेक बीमारियों से बचाता है।
गिलोय भूख भी बढ़ाती है। एक बार में गिलोय की लगभग 20 ग्राम मात्रा ली जा सकती है।
मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।
मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।
गिलोय का रास शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानो में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। और गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके इस रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
गिलोय और पुनर्नवा मूल को कूट कर इसका रस निकाल लीजिये इस में शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है। यकृत(LIVER) में अगरSGOT या SGPTABNORMAL हैं या BILIRUBIN बढ़ा हैं तो भी इस से ये ठीक होता हैं।
प्रमेह,प्रदर, कमज़ोरी व् धातु क्षीणता होने पर इसको कूट कर रात में पानी मिला कर रख दीजिये और सुबह इसको निचोड़ कर इस पानी को पी लीजिये, ये थोड़ा कड़वा होगा, कड़वापन दूर करने के लिए आप इसमें मिश्री या शहद मिला कर इसको पीजिये। इसको पीने से आपके चेहरे से झुर्रिया व् झाइयां खत्म होंगी और चेहरे पर कांति आएगी। मधुमेह के रोगी इसमें शहद या मिश्री ना मिलाये।
ये बुढ़ापे को रोकने वाली, जवानी को बना कर रखने वाली दिव्या औषिधि हैं। अगर आपको किसी भी प्रकार का दाद, खाज, खुजली, एक्ज़िमा, सीरोसिस, चाहे लिवर के अंदर ट्यूमर, फाइब्रोसिस में भी ये लाभकारी हैं।
मधुमेह के रोगी अगर सुबह इसकी ६ इंच की ताज़ा डंडी को चबा चबा कर चूसे तो कुछ दिनों में उनका मधुमेह का रोग सही हो जाता हैं।
गिलोय में शरीर में शुगर और लिपिड के स्तर को कम करने का खास गुण होता है। इसके इस गुण के कारण यह डायबीटिज टाइप 2 के उपचार में बहुत कारगर है।
गिलोय रसायन यानी ताजगी लाने वाले तत्व के रुप में कार्य करता है। इससे इम्यूनिटी सिस्टम में सुधार आता है और शरीर में अतिआवश्यक सफेद सेल्स की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। यह शरीर के भीतर सफाई करके लीवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनाता है। यह शरीर को बैक्टिरिया जनित रोगों से सुरक्षित रखता है। इसका उपयोग सेक्स संबंधी रोगों के इलाज में भी किया जाता है।
वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार इसमें एल्केलाइड गिलोइन नामक कड़वा ग्लूकोसाइड, वसा, अल्कोहल, ग्लिस्टरोल, अम्ल व उडऩशील तेल होते हैं। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस और तने में स्टार्च पाया जाता है। वायरसों की दुश्मन गिलोय रोग संक्रमण रोकने में सक्षम होती है। यह एक श्रेष्ठ एंटीबयोटिक है।
टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, एलीफेंटिएसिस, विषम ज्वर, उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, तिल्ली बढऩा, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, कुष्ठ आदि में गिलोय का सेवन आश्चर्यजनक परिणाम देता है। यह शरीर में इंसुलिन बड़ा देता है ।