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शनिवार, 30 जून 2018

टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव -

भारत में एक जुलाई से मोबाइल नम्बरों के लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है।अब मोबाइल नम्बर 1 जुलाई से 13 डिजिट के हो जायँगे 1 जुलाई 2018 से कोई भी नया नम्बर अगर लेंगे तो वह 13 डिजिट का होगा।सरकार ने इसके लिए सभी राज्यों को निर्देश दे दिये है। और लगभग इसके लिये टेलीकॉम की सभी कंपनियों ने तैयारी भी पूरी कर ली है।

भारत मे बढ़ते मोबाइल यूजर की वजह से -

भारत मे लगातार बढ़ते मोबाइल यूजर कि वजह से यह कदम उठाना पड़ रहा है । वर्तमान में लगभग भारत मे 48 करोड़ मोबाइल यूज़र्स है। इंटरनेट और मोबाइल  Association ऑफ इंडिया और आई एम आर बी कि संयुक्त रिपोर्ट में यह बताया गया है 2017 कि दिसम्बर माह तक मोबाइल यूजर की संख्या 17.22 फीसदी से बढ़कर 45.6 करोड़ तक पहुंच गई है। यह रिपोर्ट देश मे बढ़ती मोबाइल कि लोकप्रियता को दर्शाती है। जो किफायती होने के कारण लोकप्रिय हो रही है। इस रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है की शहर में साल दर साल अनुमानित व्रद्धि 18.64 फीसदी रही जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्रद्धि 2016 दिसम्बर से 2017 दिसम्बर तक 15.3 फीसदी रही।

क्या वजह है नम्बरो को बदलने की -

रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग की अधिकारियों की बैठक में अधिकारियों ने कहा है कि अब 10 अंको के लेवल में नये नम्बर जारी करने कि कोई गुंजाइश नही बची है। अब से पहले ही इसकी जरूरत को महसूस किया जा रहा था कि अब 10 अंको के नम्बरो में बदलाव करना होगा इन्हें 10 अंको से बढ़कर 12 या 13 अंको का  करना होगा। अब इन्हें 13 अंको में जारी करना होगा।

इससे पहले भी बदल चुके है नम्बर - 


ऐसा पहली बार नही हो रहा आपको बता दे इससे पहले भी दूर संचार विभाग नम्बरो को बदल चुका है। इससे पहले सन 2002 में सभी नम्बरो के आगे 2 लगा दिया गया था। जिसकी वजह से सभी टेलीफोन नम्बर बदल चुके थे। उस समय बड़े नगरो में जैसे दिल्ली, कोलकता, मुम्बई और चेन्नई में इस्तेमाल होने वाले टेलीफोन नम्बर 7 से बढ़कर 8 अंको के हो गए थे। और वही छोटे इलाको में ये नम्बर 6 अंक से बढ़कर 7 अंको के हो गए थे।

सभी सिस्टम होंगे अपडेट - 


दूरसंचार विभाग ने सभी कंपनियों को अपने पुराने सिस्टम को अपडेट करने के आदेश दे दिए है। छोटे सर्कल वाली कम्पनियों को भी आदेश जारी कर दिए गए है। पुराने नम्बर भी दिसम्बर 2018 तक इस सिस्टम के तहत अपडेट होंगे।

गुरुवार, 28 जून 2018

महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश-

महिलाओं के लिए हुए एक सर्वे ने सबके होश उड़ा दिए यह बहुत चोकाने वाला है,इस इंटरनेशनल हुए सर्वे में की रिपोर्ट के मुताबिक भारत मे महिला से जुड़ी सुरक्षा, यौन उत्पीड़न, जबरदस्ती बंधक बनाकर काम कराना इन सब का सर्वेक्षण किया गया और दुनिया मे भारत को पहला स्थान इस सूची में दिया गया है।
548 जानकारों कि टीम ने यह रिपोर्ट तैयार कि इसमें भारत के बाद दूसरे नम्बर पर अफगानिस्तान औऱ तीसरे नम्बर पर सीरिया है। यह बहुत दुख की बात है भारत सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली उनके लिए अब तक कुछ नही कर पाई है। भारत मे हर रोज ब्लात्कार की घटनाएं हो रही और हमारी सरकार धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है,एक बार इस पर विचार करना जरूरी है। थॉमस फाउंडेशन ने यह सर्वे किया है।
जानकारों की माने तो भारत मे महिलाओं के लिए अपराधों से निपटने के लिए कोई कोशिश नही की गई है। जिसकी वजह से भारत के हालात खराब हो गए है,इस रिपोर्ट में भारत, लीबिया और म्यामार को मानव तस्करी के मामले में दुनिया मे सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। सात साल पहले जब यह सर्वे हुआ था तो भारत को इस सूची में चौथे नम्बर पर रखा गया था। उस समय पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश था, तथा अफगानिस्तान, कांगो, और सोमालिया सबसे खतरनाक देश थे। इस बार पाकिस्तान छठे नम्बर पर है।

दुनिया के सबसे खतरनाक 10 देश--


1- भारत

2-अफगानिस्तान

3-सीरिया

4- सोमालिया

5- सऊदी अरब

6- पाकिस्तान

7-कांगो

8- यमन

9- नाइजीरिया

10- अमेरिका 

बुधवार, 27 जून 2018

Mi या रेडमी मोबाइल फैंस के लिये खुसखबरी है,रेडमी अपने दमदार मोबाइल फ़ोन्स  ओर किफायती दरों के लिए जानी जाती है, इसी कड़ी में रेडमी ने एक ओर नया स्मार्टफोन मार्किट में उतारा है। जो रेडमी 5 प्रो का अपडेट वर्जन है रेडमी 6 प्रो यह स्मार्टफोन अभी चीन में ही लॉन्च हुआ है,जल्द ही भारतीय मार्केट में लांच किया जाएगा।
हालांकि आपको xiaomi redmi 6 pro (रेडमी 6 प्रो) के लिये थोड़ा इंतज़ार करना होगा।

रेडमी 6 प्रो के साथ Mi pad 4 भी किया लॉन्च-- 

Xiaomi redmi(रेडमी)  ने Mi  पैड4 भी लांच किया है, हालांकि अभी इसके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी प्राप्त नही हो पाई है। लेकिन हम आपको रेडमी 6 प्रो के बारे में विस्तार से बताते है,शाओमी रेडमी 6 प्रो में ड्यूल रियर कैमरा दिया गया है,5 मेगापिक्सेल का फ्रंट कैमरा और रियर कैमरा12 मेगापिक्सेल का दिया गया है। कंपनी ने फ़ोन में 5.84 इंच की डिसप्ले दी गई है।
ऑक्टा कोर स्नैपड्रैगन 625 का प्रोसेसर दिया गया और इसके अलावा इनमे 4000 mAh की बैटरी दी गयी है, इसके अलावा इसमें यूजर एक्सपीरियंस बढ़ाने के लिए फेस अनलॉक फ़ीचर, xiaomi रेडमी 6 प्रो में वॉइस असिस्टेंट भी दिया है। तथा इसके साथ लॉन्च किया गया xiaomi Mi pad 4 में 6000 mAh कि बेटरी दी गयी है।

रैम और मेमोरी वेरियंट्स-कीमत

कंपनी ने इस स्मार्टफोन को दो वेरिएंट में मार्किट में उतारा है 3 gb रैम और 4gb रैम में इसमें 3gb रैम वाले स्मार्टफोन में 32 gb इंटरनल मेमोरी है और 4 gb रैम वाले स्मार्टफोन में 64 gb इंटरनल मेमोरी दी गयी है।
अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो 32 gb वेरिएंट की कीमत 999 युआन करीब ( 10500 रुपये) है। 4 gb 64 gb वाले स्मार्टफोन की क़ीमत 1199 युआन ( करीब 12500 रुपये) है। चीन में इसकी सेल शुरू हो चुकि है इसमें अगर कलर(रंग)की बात की जाए तो मोबाइल फोन लाल, ब्लू ,पिंक, गोल्ड और ब्लैक कलर में उपलब्ध है।
Xiaomi 6 pro mui9 पर चलता है और इसकी मेमोरी को sd कार्ड के जरिये 256 gb तक बढ़ाया जा सकता है,इसके अलावा इसमें ब्लूटूथ, 4g नेटवर्क सपोर्ट के साथ वाल्ट(volte), हैडफोन जैक और वाइ फाई, भी दिया गया है।
भारतीय रुपये को रामदेव और रविशंकर की सख़्त ज़रूरत है, मोदी से नहीं होगा

श्री श्री रविशंकर का एक पुराना ट्विट इंटरनेट पर घूमता रहता है। उन्होंने कहा था कि यह जानकर ही ताज़गी आ जाती है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही एक डॉलर की कीमत 40 रुपये हो जाएगी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बने चार साल से ज़्यादा हो रहे हैं और रुपया कभी 40 के आस पास नहीं पहुंचा।

इस बात को लेकर किसी को आहत होने की ज़रूरत नहीं है। यह कत्तई ज़रूरी नहीं है कि आप जनता से झूठ भी बोलें और करके भी दिखा दें। बस इतना ध्यान में रखें कि चुनावी साल में लोग कैसी कैसी मूर्खतापूर्ण बातें करते हैं और लोगों को उल्लू भी बना लेते हैं। वैसे अगर रविशंकर कुछ कर सकते हैं तो उन्हें करना चाहिए ताकि अमरीका और चीन के चक्कर में भारतीय रुपया और न लुढ़क जाए।

अभी तक भारतीय रुपये का रिकार्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी। बुधवार को 68 रुपये 63 पैसे हो गई। बहुत दूरी नहीं रह गई है। कहीं ऐसा न हो जाए कि मोदी के राज में रुपया मनमोहन के राज से भी कमज़ोर हो जाए और रामदेव और रविशंकर को शर्मिंदा होना पड़े। इसलिए दोनों को बोलना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण उनकी ज़ुबान ख़ाली जा रही है। तब दोनों आर्थिक मामले में कितनी दिलचस्पी लेते थे, संकट तो वही है, फिर अचानक से क्यों मुंह मोड़ लिया है, यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

“प्रधानमंत्री बहुत अच्छी तरह से समझते हैं कि हम ईरान को लेकर कहां खड़े हैं। उन्हें इस पर सवाल नहीं किया न इसकी आलोचना की। वे समझ गए हैं और वे यह भी समझते हैं कि अमरीका के साथ संबंध मज़बूत हैं और महत्वपूर्ण हैं और इन्हें बनाए रखने की ज़रूरत है।“

प्रधानमंत्री मोदी के बारे में संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की राजदूत निक्की हेली का बयान ध्यान से पढ़िए। कितने प्यार से चेतावनी रही हैं। भारत के दौरे पर आईं हेली ने साफ साफ कहा है कि भारत को ईरान से तेल का आयात बंद करना पड़ेगा। भारत ईरान से काफी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है। सस्ता भी पड़ता है। चाबहार में बंदरगाह भी बना रहा है जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है। अमरीका ने इतना कहा है कि वह यह देखेगा कि चाबहार पोर्ट को इस्तमाल कर सकता है मगर नवंबर के बाद से अमरीका ईरान पर प्रतिबंध को लेकर गंभीर हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए नई चुनौती खड़ी होगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट(FSR) आई है। इसमें बैंकों के लोन के एनपीए में बदलने को लेकर फिर से चिन्ता जताई गई है। अगर सबकुछ ऐसा ही चलता रहा तो मार्च 2019 तक सभी बैंकों का एन पी ए उनके दिए गए लोन का 12.2 प्रतिशत हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो 2000 के बाद यह सबसे अधिक होगा। वैसे अंतर्राष्ट्रीय हालात को देखते हुए एनपीए 13.3 प्रतिशत तक भी जा सकता है।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपने संपादकीय में लिखा है कि इसे देखकर नहीं लगता कि एन पी ए को कम करने के जो भी उपाय किए गए हैं उनका कुछ असर हुआ है। आपको याद हो कि वित्त मंत्री ने बैंकों को बचाने के लिए कई हज़ार करोड के पैकेज देने की बात कही थी और दिया भी गया है। दीवालिया और विलय को लेकर जो नया कानून बना है उसका भी इस संकट को कम करने में बहुत शानदार रिकार्ड नहीं है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में 706 मामले हैं जिनमें से अभी तक 176 का ही निपटारा हुआ है। जिस स्केल का यह सकंट है उसे देखते हुए नहीं लगता है कि ये सब कदम काफी होंगे। ऐसा बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा है। 

27 जून केबिजनेस स्टैंडर्ड में एक ख़बर छपी है जिस पर ध्यान जाना चाहिए। चीन ने लंका को कर्ज़ दे दे कर वहां अपनी घुसपैठ बना ली है। चीन ने लंका के हंबनतोता में बंदरगाह बनाने के लिए कर्ज़ दिया है। भारत को इसकी व्यावहारिकता में संदेह था इसलिए कर्ज़ नहीं दिया था। चीन अब लंका पर कर्ज़ा चुकाने का दबाव बनाने लगा। ये हालत हो गई कि लंका ने 99 साल के लिए बंदरगाह और 15000 एकड़ ज़मीन लीज़ पर दे दी है। इतिहास में इन्हीं रास्तों से मुल्कों पर कब्ज़े हुए थे। बताने की ज़रूरत नहीं है। अब इस बंदरगाह पर चीन का नियंत्रण हो गया है। ज़ाहिर है लंका के सामने भारत है तो भारत को चिन्ता करनी पड़ेगी।

रविवार, 24 जून 2018

Hyper एसिडिटी या अम्ल पित्त क्या होता है?

आयुर्वेद सहिंताओ में इसे अम्ल पित्त नाम से जाना जाता है । आचार्यो ने इसे शरीर मे पित्त(एसिड)दोष की व्रद्धि होने के कारण यह रोग होता है।ऐसा वर्णन किया है,आजकल की दिनचर्या में बदलाव के कारण यह रोग अधिक मात्रा में लोगो मे मिलता है। इसके मुख्य कारण है बाहर का खाना, पिज़्ज़ा,फ़ास्ट फ़ूड, अधिक तली हुई चीज़े,मैदे से निर्मित खाने की वस्तएं, मांस आदि।
एक स्थान पर बैठे रहना इसके प्रमुख कारण है। इस रोग में आहार आमाशय में पहुंचकर पित्त(एसिड) दोष के विदग्ध होने के कारण अम्लीय हो जाता है और एसिडिटी रोग को उत्त्पन करता है। आमाशय में उपस्थित फ्री Hcl की मात्रा बढ़ी हुई होती हैं । यदि टोटल एसिड बढ़ जाता है, फ्री Hcl बढ़कर stomach में inflammation उत्पन्न करके Gastritis उत्पन्न करता है। एसिडिटी के रोगी में आमाशय में free Hcl अधिक

1- एसिडिटी होने के कारण--

* अधिक गर्म और अम्लीय पदार्थों का सेवन।
* स्मोकिंग, चाय, कॉफी, का सेवन अधिक मात्रा में करना।
* indigestion खाने का सही तरह से पाचन न होना।
* उड़द कि दाल का अधिक सेवन।
* शराब का अधिक सेवन, तेज मशाले, मिर्च,मैदे वाली,कोल्डड्रिंक्स,वस्तुएं। ये इसके मुख्य कारण है।

एसिडिटी के लक्षण--

* अविपाक(खाना ना पचना)
*Heart burn , hiccough (हिचकी), उल्टियां ,     anorexia, pain in epigastrium(पेट दर्द),   Nausea(खाने में रुचि ना होना)
* खट्टी डकारें आती है, हर,पीले ,नीले और काले रंग की उल्टी होना।
* गले मे जलन, सर दर्द, हाथो पैरों में उष्णता, बुखार आदि।
* मुख में पानी का अधिक मात्रा में स्राव होता है।

ट्रीटमेन्ट इलाज आयुर्वेद दवाइयों के द्वारा---

सबसे पहले जिन करने से एसिडिटी होता है उनका परहेज करें।
1-अविपत्तिकर चूर्ण , हरीतकी चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, आमलकी चूर्ण, सतावरी चूर्ण, इनमे से कोई भी एक का सेवन गर्म पानी से 3-6 ग्राम की मात्रा में करे।
2- नारिकेल खण्ड - नारियल, मिश्री।
* पिपली खण्ड - पिपली, शतावरी , शर्करा। और शुंठी खण्ड का सेवन करे।
3- चने का सत्तू, शहद, दूध , करेला, निम्बू पानी, पेठा, और हरी सब्जियों का सेवन करे।