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शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

हरिद्वार को देवनगरी के नाम से भी जाना जाता है,भारत के पवित्र धार्मिक स्थानों में हरिद्वार बहुत खास है। हिंदुओ के लिये यह मुख्य नगर है।
1 -  हरिद्वार नाम दो शब्दों से मिलकर बना है हरि- भगवान और द्वार - रास्ता यानी भगवान के पास जाने का रास्ता।
2 - हरिद्वार चारधाम यात्रा का मुख्यद्वार है, जहां से चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालु जाते है,। गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमनोत्री यही से होकर जाना होता है।
3 - उत्तराखंड राज्य का यह शहर उत्तराखण्ड का  प्रवेश द्वार भी है और आर्थिक रूप से भी हरिद्वार का अहम योगदान है।
4- हरिद्वार का पहला नाम मायापुर है पहले इसे मायापुर के नाम से जाना जाता था आज भी एक अलग हिस्सा मायापुर के नाम से अस्तित्व में है।
5 - हरिद्वार उन धार्मिक नगरो में से है जहाँ कुम्भ का मेला लगता है,यह मेला हर 12 साल के बाद लगता है इसके अलावा अर्धकुम्भ मेला भी हर 6 वर्ष पर लगता है।
6 - गंगा नदी हरिद्वार में आकर अपनी पर्वत की यात्रा का अंतिम पड़ाव करती है, यहाँ पर रोज हजारो की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते है ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से सब पाप धुल जाते है और मनोकामना भी पूरी होती है।
7-हरिद्वार में भारत के सबसे प्राचीन मंदिर भी आप देख सकते है यहाँ मंसा देवी मंदिर,चंडी देवी मंदिर और भीमगोडा दर्शनीय स्थल है।
8- आयुर्वेद और योग के लिए भी हरिद्वार पूरी दुनिया का एक मात्र सबसे पुराना केंद्र है यह भारत का सबसे पुराना आयुर्वेदिक महाविधायल है जो ऋषिकुल के नाम से जाना जाता है । योग के लिए पतंजलि योगपीठ भी भारत का मुख्य योग केंद्र है।इसके अलावा शांतिकुंज भी है।
9 - हरिद्वार हर की पौड़ी पर लाखों लोग गंगा जल भरकर ले जाते है यहाँ गंगा जल कभी खराब नही होता है,ओर रोज शाम के समय गंगा आरती होती है जिसमे हजारो की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है और जलता दिया गंगा में बहाते है।
10 - यहां पर सतिकुण्ड,दक्ष मंदिर के दर्शन करना पवित्र माना जाता है।
11 - सावन के समय यहाँ पर बहुत विशाल मेला लगता है जिसमे लाखो - करोड़ो की संख्या में श्रद्धालु आते है। 2015-16 के सावन में यहाँ 6 करोड़ श्रद्धालु गंगा जल भरने के लिए आते है यह अपने आप मे रिकॉर्ड है।


पहाड़ की तलहटी में बसा हरिद्वार
यह बहुत सुंदर नगर है ओर यहां पर आपको लोकल व्यंजन भी खा सकते है जो किफायती दाम में आपको मिल जाएंगे और यहाँ आप बस,ट्रैन या निजी वाहन से भी आ सकते है।

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018

शाओमी ने भारत में अपने दो नए फोन लॉन्च किए है।ये स्मार्ट फोन बुधवार को लॉन्च किए गए रेडमी नोट 5 और रेडमी नोट 5 प्रो लॉन्च किए है। इनमें रेडमी नोट 5, 2017 में आये रेडमी नोट 4 का अपग्रेड वर्जन है,
इसके अलावा रेडमी नोट 5 प्रो में अपग्रेड वर्जन स्नैपड्रैगन 636 चिपसेट दिया गया है। इस बजट के स्मार्ट फोन में ये पहला तरह का वर्जन दिया गया है। इसका डिस्प्ले 6 इंच का  फुल स्क्रीन दिया गया है। इसमें आई फोन x जैसे ड्यूल वर्टिकल कैमरा फ़ीचर भी दिया गया है, अब हम आगे जानते है और फीचर्स के बारे में---
  फुल HD डिस्प्ले ---
रेडमी नोट प्रो में 5.99 इंच का फुल HD(1080×2160) आईपीएस डिस्प्ले दिया गया है। इसके अलावा इसका इसमें 2.5डी कवर्ड गोरिल्ला ग्लास दिया गया है। नोट 5 प्रो में पहले फ़ोन की अपेक्षा 12 प्रतिशत बड़ा डिस्प्ले दिया गया है, यह फोन बेजल लेस है,इसमें डिस्प्ले के ऊपर और नीचे काफी कम खाली जगह है।

फेस अनलॉक और ब्यूटी फाई 4.0

ब्यूटी फाई शाओमी का इमेज इन्हेसिंग सॉफ्टवेर हे जो भारतीयों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। रेडमी नोट 5 प्रो में फेसिअल को पहचानने वाला फीचर्स है जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर आधारित है। शाओमी ने दावा किया है कि इसका फेस अनलॉक फीचर्स 0.2 सेकंड में लॉक खोलने में सक्षम है।

बैटरी लाइफ-

इसमें 4000 एमएएच की बैटरी दी गयी है। इसमें फ़ास्ट चार्जिंग नहीं दिया गया है इसके चार्जर टाइप सी का दिया गया है।कंपनी का दावा है इसमें 14 घण्टे का वीडियो और 8 घण्टे का एक्सपीरिएंस ले सकते है। यह एंड्राइड ओपरेटिंग सिस्टम 7.9 पर चलता है। ओरियो का अपडेट भी रेडमी शायद कुछ दिनों में दे सकता है। इसके अलावा इसमें बैटरी के तापमान को कम रखने के लिए थर्मल सीट दी गयी है जो बैटरी के तापमान को सामान्य रखती है। और परफॉर्मेंस बना रहता है।

सेल्फ़ी कैमरा, ड्यूल कैमरा

रेडमी नोट 5 प्रो में ड्यूल रियर कैमरा सेटअप हे, इसमें 12 मेगापिक्सल  कैमरा है,जिसमे सोनी  आईएमएक्स  485 सेंसर है जो अच्छी फोटो लेने में समर्थ है। दूसरा कैमरा 5 मेगापिक्सल का दिया गया है जिसमे सैमसंग कलर सेंसर दिया गया है।

ओपरेटिंग सिस्टम

इसमें स्नैपड्रेगन 636 चिपसेट रेडमी नोट 5 प्रो में दिया गया है। इसमें 630 चिपसेट की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक फोन की स्पीड बढ़ जाती है,।
इसमें 4/6 जीबी रैम  के साथ 64 जीबी इंटरनल स्टोरेज दिया गया है जो इस फोन के expriance को और ज्यादा मजेदार बनता है।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

नोएडा में चल रहे ऑटो एक्सपो 2018 में हमें कई तरह की बाइक,साइकिल देखने को मिली इन सबके बीच लॉन्च हुई 3000 से लेकर 7 लाख तक की साइकिल को पेश किया गया।
स्पोर्ट साइकिल बनाने वाली कंपनी स्टारकेंन ने यहाँ पर अपनी 6.9 लाख की साईकल को पेश करके सबको चौका दिया है। इसका नाम है जायंट टीसीआर एडवांस एसल मगलिया रोसा साइकिल। ये साइकिल 60 km प्रति घन्टा तक चल सकती है इसमें एडवांस्ड डिस्क प्रोपेल दिया गया है। 2017 में ये साइकिल फ्रांस में साईकल विजेता के बाद खबरों में आयी तब इसे अब तक की सबसे तेज चलने वाली साइकिल का ख़िताब मिला।

एटलस साइकिल


देश की मशहूर साइकिल कंपनी ने भी ऑटो एक्सपो में अपनी साइकिल टाइटेनियम को पेश किया जिसकी कीमत 3 लाख रुपये है। पिछले 6 दशक से अपनी साइकिल का दम दिखा  एटलस ने अपनी 4 साइकिल को पेश किया इनमे टाइटेनियम,एक्वाफायर,रोर और अल्टीमेट को पेश किया गया है।
टाइटेनियम नाम की साइकिल में 30 गियर हे और यह एयरक्राफ्ट में लगने वाले मेटल से बनी है जो साइकिल को लाइट वेट बनाता है, इसके टॉप गियर इसकी स्पीड को 60-70km तक बढ़ाते हे । इसके अलावा इस साइकिल का मेटल स्क्रेच लैस है। 

हीरो साइकिल


हीरो ने भी ऑटो एक्सपो में फायर फॉक्स की दो साइकिल पेश की जो एडवेंचर राइड के लिए तैयार की गयी है इनकी कीमत 30000 से 41000 के बीच रखी गयी है।

नॉएडा ऑटो एक्सपो 2018 में पेश हुई ये सब साइकिल , साइकिल से राइड का शोक रखने वालों के लिए किसी तोफे से कम नहीं है। और यह जहा फ्यूल की भी बचत करती है वही आपके जनून को भी पूरा करती है।




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अस्थमा रोग में रोगी को साँस लेने में कठिनाई होती है।यह एक गंभीर व्याधि(रोग)है, अगर इसका सही समय पर उपचार ना किया जाये तो यह गंभीर रूप धारण कर रोगी मृत्यु कर देता है इसका सही समय पर उपचार व रोकथाम जरुरी है।इस रोग को Bronchial Asthma  भी कहते हैं।

इन कारणों से उत्पन अस्थमा रोग होता है--

1-अधिक धुंए में रहना इससे धुंआ फेफड़ो में जाकर रोग उत्पन करता है।
2-धूल,अधिक वायु , ठंडा पानी पीने से,अपनी शक्ति से ज्यादा व्ययाम करने से, उलटी का अधिक मात्रा में होने से, शारीर का अति दुर्बल होने से, रुक्ष अन्नपान के सेवन से, अधिक मैथुन करने से अस्थमा रोग होता है।वातज प्रकोपक कारण है।
3- अधिक ठंडे पानी में स्नान करना, दही का अधिक सेवन, दिन में अधिक सोना, तिलतेल, मछली का अधिक मात्रा में सेवन से कफज प्रकोपक कारण है।

अन्य कारण-

गले व छाती(chest ) पर चोट लगने से श्वास रोग उत्पन हो सकते है।
एनीमिया,अतिसार,ज्वर आदि रोगों में भी श्वास रोग अस्थमा उत्पन हो जाता हैं।

लक्षण --

आवाज की प्रवर्ति बदल जाती है या आवाज की ध्वनि बदल जाती है।
साँस लेने की आवाज दूर से ही सुनाई देती है।
सर दर्द, शंख प्रदेश में पीड़ा होती हैं, रोगी देर तक श्वास छोड़ता है व देर से अंदर साँस लेता है।
रोगी का मुख बार-बार सूखता हे, साँस की गति थोड़ा चलने या दौड़ने से तेज हो जाती है।
आंख लाल रहती तथा रोगी रूक-रूककर साँस लेता है।
रोगी दुर्बल हो जाता है,बहुत खांसी होती है कभी कभी रोगी खांसते - खांसते बेहोश हो जाता है।
बैठने पर रोगी को आराम मिलता है,गर्म पदार्थ के सेवन से रोगी को आराम मिलता है।
साँस लेने की अधिकता वर्षा ,शीत ऋतू एवं सुबह  के समय बढ़ जाती है।
रोगी को बोलने में कष्ट होता है,कफ के बाहर निकल जाने पर रोगी को आराम मिलता है।

अस्थमा की चिकित्सा(उपचार)--

1- रोगी को सर्वप्रथम सेंधव लवण व तिल तैल का वक्ष प्रदेश पर मर्दन(मालिश)करने के बाद स्निग्ध द्रव्यों से युक्त नाड़ी स्वेद करना चाहिए।
2-गुड़ एवं सरसो का तैल सामान मात्रा में मिलाकार 3 सप्ताह तक प्रयोग करना चाहिए।
3- शहद में विभीतक चूर्ण 10 ग्राम मिलाकार चाटने से लाभ मिलता है।
4- श्वासकुठार रस (125-250 मि.ग्रा.) शहद के साथ मिलाकार खाये।
5- विजय वटी(250-500मि.ग्रा.) गर्म पानी के साथ खायें।
6- आमलकी,अर्क, वासा,इलाइची,पिपली,कुठ में से कोई भी एक औषधि का प्रयोग कर सकते है।
7- शंख भस्म,मुक्ता पिष्टी,बलसुधा को शहद के साथ खायें।

अस्थमा(श्वास)रोग में क्या न खाए ---

आलू,भिन्डी , बेसन ,अरबी ,उड़द , मक्का , सरसो , ठंडा पानी , भैंस का दूध , दही , मछली और कंद के साग का सेवन नहीं करना चाहिए।

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

आयुर्वेद में अरोचक(भूख ना लगना) बहुत विस्तृत वर्णन मिलता है।भोजन की इच्छा ना होना ही अरुचि है।
भूख ना लगना या कम लगना।
भोजन में रुचि न होना, कम भूख लगना।
ये सब लक्षण अरुचि के है, भूख ना लगने के कारण क्या है हमें पहले इनका विचार करना चाहिए--

इन कारणों से भूख नहीं लगती है --

1- शारीरिक कारण- वात,पित्त एवं कफ का प्रकोप। त्रिदोष प्रकोप के कारण वात पित्त कफ प्रकोपक आहार एवं विहार करना।
2- मानसिक कारण- अधिक गुस्सा करना, भयभीत होना,शोक,मनोनुकूल भोजन ना मिलना या भोजन से गंध आना आदि से अरुचि की प्राप्ति होती है।

भूख बढ़ाने के लिये करे ये काम -

1- मन को खुश रखे, मुख को शुद्ध करे मुख शुद्ध करने के लिए कवल धारण करे, मुखधावन्न करे।
2- मुख धावन के लिए त्रिफला, पाठा, मुनक्का,चमेली की पत्तियों के कषाय में शहद का प्रयोग करे।
3- काला नमक ,जीरा,शक्कर,काली मिर्च को सामान मात्रा में लेकर शहद व तिल तैल मिलकर कवल(कुल्ला)करे।
4- आवंला,इलाइची,खश,पिपली,कमल एवं रक्तचंदन को सामान मात्रा में लेकर शहद व तिल तैल में मिलाकार मुख में में कुछ समय के लिए रखे।

इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाओं का भी प्रयोग करे-

1-शुधानिधि रस,बड़वानल रस 125 से 250 mg जल के साथ सुबह और शाम के टाइम खाएं।
2- चित्रकादि वटी,गंधक वटी 250-500mg जल के साथ सुबह और शाम के टाइम जल के साथ सेवन करे।
3- शंखवटी,लवणभास्कर चूर्ण गर्म पानी से रात को सोते समय खाये और भोजन करने से पहले हिंग्वाष्टक चूर्ण को घी में मिलाकर खाये ।
4- इसके अलावा केला , अनार, हरी शाक, गाय का दूध,दही,घी, का सेवन करे ।
इन सबके सेवन से भूख बहुत जल्दी बढ़ती है और शरीर में ताकत भी आती है मनुष्य स्वस्थ रहता है ।
भूख न लगना कई कारणों से हो जाता है अगर इंसान बीमार रहता है तब भी भूख कम लगती है , इसके अलावा आज कल की बिजी जीवनशैली में व्ययाम ना करना ,काफी समय तक एक स्थान पर बैठे रहना,फैट वाली चीजों का अधिक सेवन,फ़ास्ट फ़ूड का सेवन आदि सब अरुचि के कारण है।स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्ययाम करे और पौष्टिक भोजन का सेवन करे।