अस्थमा रोग में रोगी को साँस लेने में कठिनाई होती है।यह एक गंभीर व्याधि(रोग)है, अगर इसका सही समय पर उपचार ना किया जाये तो यह गंभीर रूप धारण कर रोगी मृत्यु कर देता है इसका सही समय पर उपचार व रोकथाम जरुरी है।इस रोग को Bronchial Asthma भी कहते हैं।
इन कारणों से उत्पन अस्थमा रोग होता है--
1-अधिक धुंए में रहना इससे धुंआ फेफड़ो में जाकर रोग उत्पन करता है।
2-धूल,अधिक वायु , ठंडा पानी पीने से,अपनी शक्ति से ज्यादा व्ययाम करने से, उलटी का अधिक मात्रा में होने से, शारीर का अति दुर्बल होने से, रुक्ष अन्नपान के सेवन से, अधिक मैथुन करने से अस्थमा रोग होता है।वातज प्रकोपक कारण है।
3- अधिक ठंडे पानी में स्नान करना, दही का अधिक सेवन, दिन में अधिक सोना, तिलतेल, मछली का अधिक मात्रा में सेवन से कफज प्रकोपक कारण है।
अन्य कारण-
गले व छाती(chest ) पर चोट लगने से श्वास रोग उत्पन हो सकते है।
एनीमिया,अतिसार,ज्वर आदि रोगों में भी श्वास रोग अस्थमा उत्पन हो जाता हैं।
लक्षण --
आवाज की प्रवर्ति बदल जाती है या आवाज की ध्वनि बदल जाती है।
साँस लेने की आवाज दूर से ही सुनाई देती है।
सर दर्द, शंख प्रदेश में पीड़ा होती हैं, रोगी देर तक श्वास छोड़ता है व देर से अंदर साँस लेता है।
रोगी का मुख बार-बार सूखता हे, साँस की गति थोड़ा चलने या दौड़ने से तेज हो जाती है।
आंख लाल रहती तथा रोगी रूक-रूककर साँस लेता है।
रोगी दुर्बल हो जाता है,बहुत खांसी होती है कभी कभी रोगी खांसते - खांसते बेहोश हो जाता है।
बैठने पर रोगी को आराम मिलता है,गर्म पदार्थ के सेवन से रोगी को आराम मिलता है।
साँस लेने की अधिकता वर्षा ,शीत ऋतू एवं सुबह के समय बढ़ जाती है।
रोगी को बोलने में कष्ट होता है,कफ के बाहर निकल जाने पर रोगी को आराम मिलता है।
अस्थमा की चिकित्सा(उपचार)--
1- रोगी को सर्वप्रथम सेंधव लवण व तिल तैल का वक्ष प्रदेश पर मर्दन(मालिश)करने के बाद स्निग्ध द्रव्यों से युक्त नाड़ी स्वेद करना चाहिए।
2-गुड़ एवं सरसो का तैल सामान मात्रा में मिलाकार 3 सप्ताह तक प्रयोग करना चाहिए।
3- शहद में विभीतक चूर्ण 10 ग्राम मिलाकार चाटने से लाभ मिलता है।
4- श्वासकुठार रस (125-250 मि.ग्रा.) शहद के साथ मिलाकार खाये।
5- विजय वटी(250-500मि.ग्रा.) गर्म पानी के साथ खायें।
6- आमलकी,अर्क, वासा,इलाइची,पिपली,कुठ में से कोई भी एक औषधि का प्रयोग कर सकते है।
7- शंख भस्म,मुक्ता पिष्टी,बलसुधा को शहद के साथ खायें।
अस्थमा(श्वास)रोग में क्या न खाए ---
आलू,भिन्डी , बेसन ,अरबी ,उड़द , मक्का , सरसो , ठंडा पानी , भैंस का दूध , दही , मछली और कंद के साग का सेवन नहीं करना चाहिए।
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