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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

भूख़ बढ़ाने के आयुर्वेदिक नुख्से, अरुचि । Anorexia

आयुर्वेद में अरोचक(भूख ना लगना) बहुत विस्तृत वर्णन मिलता है।भोजन की इच्छा ना होना ही अरुचि है।
भूख ना लगना या कम लगना।
भोजन में रुचि न होना, कम भूख लगना।
ये सब लक्षण अरुचि के है, भूख ना लगने के कारण क्या है हमें पहले इनका विचार करना चाहिए--

इन कारणों से भूख नहीं लगती है --

1- शारीरिक कारण- वात,पित्त एवं कफ का प्रकोप। त्रिदोष प्रकोप के कारण वात पित्त कफ प्रकोपक आहार एवं विहार करना।
2- मानसिक कारण- अधिक गुस्सा करना, भयभीत होना,शोक,मनोनुकूल भोजन ना मिलना या भोजन से गंध आना आदि से अरुचि की प्राप्ति होती है।

भूख बढ़ाने के लिये करे ये काम -

1- मन को खुश रखे, मुख को शुद्ध करे मुख शुद्ध करने के लिए कवल धारण करे, मुखधावन्न करे।
2- मुख धावन के लिए त्रिफला, पाठा, मुनक्का,चमेली की पत्तियों के कषाय में शहद का प्रयोग करे।
3- काला नमक ,जीरा,शक्कर,काली मिर्च को सामान मात्रा में लेकर शहद व तिल तैल मिलकर कवल(कुल्ला)करे।
4- आवंला,इलाइची,खश,पिपली,कमल एवं रक्तचंदन को सामान मात्रा में लेकर शहद व तिल तैल में मिलाकार मुख में में कुछ समय के लिए रखे।

इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाओं का भी प्रयोग करे-

1-शुधानिधि रस,बड़वानल रस 125 से 250 mg जल के साथ सुबह और शाम के टाइम खाएं।
2- चित्रकादि वटी,गंधक वटी 250-500mg जल के साथ सुबह और शाम के टाइम जल के साथ सेवन करे।
3- शंखवटी,लवणभास्कर चूर्ण गर्म पानी से रात को सोते समय खाये और भोजन करने से पहले हिंग्वाष्टक चूर्ण को घी में मिलाकर खाये ।
4- इसके अलावा केला , अनार, हरी शाक, गाय का दूध,दही,घी, का सेवन करे ।
इन सबके सेवन से भूख बहुत जल्दी बढ़ती है और शरीर में ताकत भी आती है मनुष्य स्वस्थ रहता है ।
भूख न लगना कई कारणों से हो जाता है अगर इंसान बीमार रहता है तब भी भूख कम लगती है , इसके अलावा आज कल की बिजी जीवनशैली में व्ययाम ना करना ,काफी समय तक एक स्थान पर बैठे रहना,फैट वाली चीजों का अधिक सेवन,फ़ास्ट फ़ूड का सेवन आदि सब अरुचि के कारण है।स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्ययाम करे और पौष्टिक भोजन का सेवन करे।

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