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सोमवार, 22 जनवरी 2018

दिनचर्या आयुर्वेद के अनुसार । lifestyle according to Ayurveda

दिन की शुरुवात कैसे करे --

स्वस्थ पुरुष आयु की रक्षा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त ( 4-5 बजे) उठना चाहिए।
दिनचर्या , या आचरण दो तरह का होता है स्वस्थ के लिए स्वस्थव्रत एवं रोगी के लिए आतुरव्रत।
स्वस्थ्य के लिए
सबसे पहले सुबह जल्दी उठना चाहिए।

सबसे पहले उठते ही शारीर की चिंता करनी चाहिए जिसमें भोजन की जीर्णा जीर्ण का निरूपण हो,
यानि भोजन अच्छे से पच गया हो उसके बाद मल का त्याग करना चाहिए। मल त्याग करने के बाद  दन्तवन (टूथ ब्रश ) करना चाहिये ।
इससे दांतो की सफाई अच्छे से हो जाती हैं।
इसके बाद मुख को पानी से कुल्ला करके अच्छे से साफ़ करले । भोजन के बाद भी दंत्ववन ( टूथ ब्रश ) करने का विधान आयुर्वेद में बताया गया है। इससे दांतो की सफाई रहती है और कोई भी दन्त रोग, मुख रोग नहीं होता है।

दातुन टूथ ब्रश किसे नहीं करना चाहिए--

वमन रोगी, खांसी का रोगी,ज्वर ( बुखार ) रोगी दातुन ना करे ऐसा आयुर्वेद में बताया गया है।

आँखों के लिए अंजन प्रयोग--

नित्य प्रतिदिन आँखों में सोविराअंजन लगाना हितकारी होता है इसे लगाये।
 आँख की रोशनी तेज हो इसके लिए कफ़ के भय से बचने के लिए सात रात में एक बार आँखों में रसांजन का प्रयोग करना चहिये।

इसके बाद नस्य ,  धूमपान, यथासमय करे।

शरीर को पुष्ट और युवा बनाने के लिए--


प्रतिदिन शरीर पर तेल मालिश करनी चाहिए, इससे बुढ़ापा, थकान और वायु नष्ट होती है।
दृस्टि निर्मल होती है शरीर पुष्ट होता है; आयु बढ़ती है; नींद अच्छी आती है और त्वचा तथा झुर्रिया-रहित एवं शरीर बलवान बनता है।
तेल की मालिश को शिर, कान और पैरों पर जरूर करना चाहिये।

अभ्यंग ( मालिश ) का निषेध --

कफ से पीड़ित व्यक्ति को तथा वमन-विरेचन से जिसने शरीर का शोधन किया हो उसे अभ्यंग (मालिश) नहीं करना चाहिये।

व्ययाम --

व्ययाम करने से शरीर में लघुता , कार्य करने में सामर्थ्य और पाचन शक्ति बढ़ती है और फैट (मेद ) कम होता है
व्ययाम से शरीर के अंग मजबूत होते है।

व्ययाम में क्या करे --

*दौड़ना या टहलना, ।
*खेलना।
*दण्ड - बैठक, और हाथ पैरो नियमित एवं व्यवस्थित प्रसारण-आंकुचन ( योगा और परेड ) ,आसन प्राणायाम आदि को करना चाहिये। ये हमें अपने दिन का अलग से समय निकाल कर करना चाहिए । सुबह का व्ययाम करना चाहिए, व्ययाम अपनी शक्ति के अनुसार करना चाहिए।

स्नान कर्म --

स्नान करना मल ( त्वचा का मल ), साफ होता है, थकान को दूर करने वाला होता है,
आयुवर्धक होता , ऊर्जा को बढ़ाने वाला होता और बलदायक होता है।
खाज खूजली से बचता है, और पसीना को साफ़ करता है पियास, दाह और पाप को दूर करने वाला होता है। इसलिए रोज स्नान( नहाना ) चाहिए इससे शरीर स्वस्थ रहता है।  

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